पशु दाह संस्कार अभियान
सृष्टि के सभी प्राणियों का जन्म काल उल्लास पूर्वक होता है सभी जीव अपने उल्लास को विभिन्न तरीकों से व्यक्त करते हैं ठीक उसी प्रकार अंतिम क्षण भी सभी प्राणियों के लिए दुखद एवं मार्मिक क्षण होता है ।
किंतु मानव एक ऐसा श्रेष्ठ प्राणी है जो अपने प्रिय के अंतिम संस्कार को विधिपूर्वक या यूं कहें उच्चतम विधि द्वारा सम्मान पूर्वक विदा करता है विधि और मान्यताएं विभिन्न होने के बावजूद सभी मनुष्यों का एक ही उद्देश्य होता है कि उनके प्रिय जनों को सम्मान के साथ पंच तत्वों को सौंप देना ताकि पंचतत्व से जिनका सृजन हुआ था उसी में विलीन हो जाए ।
मानव का बुद्धि एवं शरीर से अन्य प्राणियों की अपेक्षा सर्वश्रेष्ठ होना यह दर्शाता है कि ईश्वर ने उनको कई और जिम्मेदारी निभाने के लिए सृजन किया है, इन्हीं जिम्मेदारियों में अन्य प्राणी जगत की तथा सृष्टि की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण दायित्व आते हैं ।
मानव का कर्तव्य है कि हम अन्य जीव जगत के पंच तत्वों से बने शरीर को भी सम्मान सहित विदा करें जो कि मानव कर सकता है ।
आखिर क्यों आवश्यक है मृत मासूम जीवो का अंतिम संस्कार ?
यह भी तो पंच तत्वों से मिलकर सृजित हुए हैं फिर क्यों इनका पार्थिव शरीर नालियों नदियों कूड़े कचरे सड़कों पर वृत्त वितरित एवं दयनीय अवस्था में पढ़ा रहे ? इनके साथी बेबस होकर देखते हुए उनके उठने का इंतजार ही करते रह जाते हैं।
इसी जिम्मेदारी को समझते हुए जीव आश्रय संस्था के सदस्यों तथा परिवारजनों ने अन्य जीवो की अंत्येष्टि की परियोजना बनाई है जिसके तहत मृत पशुओं का विधि विधान से अंतिम संस्कार किया जाएगा तथा सृष्टि के पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए गोबर के उपलों का प्रयोग किया जाएगा । मृत जीवात्मा के शरीर को सम्मान सहित विदा करने के साथ-साथ सृष्टि की भी सुरक्षा संभव हो सकेगी।
आप सभी से अनुरोध है कि इस प्रेम पूर्ण व भावपूर्ण विदाई के उद्देश्य को पूर्ण करने में अपना अमूल्य सहयोग प्रदान करें ।
ओम शांति
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