ऐसी मान्यता है कि पूजा-पाठ ऐसी जगह होना चाहिए जहां बहुत शांति और पॉजिटिविटी हो!
धार्मिक और साइंटिफिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो सबसे ज्यादा पॉजिटिविटी जानवरों के आसपास पाई जाती है और खासतौर से गोवंश के आसपास ।
गाय का पॉजिटिव औरा 8 से 10 मीटर का होता है जबकि इंसान का पॉजिटिव औरा जब वह अपने सर्वोत्तम स्थिति में होता है तब 1 मीटर का होता है कुछ महान आत्माओं का 10 से 20 मीटर का भी होता है जोकि बहुत रेयर होता है परंतु गाय का और 8 से 10 मीटर साधारण माना जाता है। अगर आप ऐसे पॉजिटिव औरा में पूजा पाठ करते हैं तो उसकी प्राप्ति दुगनी दुगनी हो जाती है।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए शीतेष जी ने आज हमारी गौशाला में गायों के आसपास अपनी माता जी की आत्मा की शांति के लिए पूजा पाठ करवाया ।
यह पूजा करवा कर उनको खुद भी बहुत शांति का अनुभव हो रहा था जब आप के बगल में गाय और गाय का बछड़ा दूध पी रहे हो और आप पूजा पाठ कर रहे हो तो सात्विक भाव अपने आप दुगने हो जाते हैं।
हम उम्मीद करते हैं जो भी जहां भी हैं सब खुश रहें शांत रहें और अपनी जिंदगी को और आने वाली जिंदगीयों को खुशियां प्रदान करते रहे आप भी इस तरीके से अपनी जिंदगी में शांति और पूजा पाठ कर सकते हैं या फिर हमारे यहां भी कर सकते हैं।
इससे ना तो सिर्फ पूजा-पाठ होगी बल्कि एक अलग अनुभूति होगी।
इसमें सबसे अच्छी बात यह है कि जितनी भी सामग्री इस्तेमाल होगी उसको पूरा का पूरा पशु सेवा के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। जैसे कि हवन हुआ तो उसकी राख हम खेतों में डाल देंगे, जो भोग लगेगा वह गायों को खिलाया जाएगा, जो दूध दही घी इन सब का इस्तेमाल होगा वह वहां के जो कुत्ते है उनको पीने के लिए दे दिया जाएगा तो किसी सामग्री का अनुचित उपयोग नहीं होगा। यही हमारा उद्देश्य है कि पूजा पाठ को सही उद्देश से जोड़ा जाए ना कि उनको सिर्फ नालियों में बहा दिया जाए ।
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